
श्री दुर्गा सप्तशती सम्पूर्ण - संस्कृत व हिंदी
श्री दुर्गा सप्तशती
प्रथम अध्याय - मेधा ऋषि राजा सुरथ और समाधि को भगवती की महिमा बताते हुये मधु-कैटभ-वध का प्रसंग।
द्वितीय अध्याय - देवताओं के तेज से देवी का प्रादुर्भाव और महिषासुर की सेना का वध।
तृतीय अध्याय - सेनापतियों सहित महिषासुर वध।
चतुर्थ अध्याय - इन्द्रादि देवताओं द्वारा देवी की स्तुति।
पञ्चम अध्याय - देवताओं द्वारा देवी की स्तुति, चण्ड-मुण्ड के मुख से अम्बिका के रूप की प्रशंसा सुनकर शुम्भ का उनके पास दूत भेजना और दूत का निराश लौटना।
षष्ठम अध्याय - धूम्रलोचन-वध।
सप्तम अध्याय - चण्ड और मुण्ड का वध।
अष्टम अध्याय - रक्तबीज-वध।
नवम अध्याय - निशुम्भ-वध।
दशम अध्याय - शुम्भ-वध।
एकादश अध्याय - देवताओं द्वारा देवी की स्तुति तथा देवी द्वारा देवताओं को वरदान।
द्वादश अध्याय - देवी-चरित्रों के पाठ का महात्म्य।
त्रयोदश अध्याय - सुरथ और वैश्य को देवी का वरदान।
ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥
ॐ
||श्री दुर्गायै नमः||
**हम दुर्गा सप्तशती सम्पूर्ण पाठ को हिंदी और संस्कृत में प्रस्तुत करते हैं। माँ दुर्गा की महिमा का अनुभव करें और अपने जीवन में सकारात्मकता लाएं।